भाव स्पष्ट कीजिए −
गिरिवर के उर से उठ–उठ कर
उच्चाकांक्षाओं से तरुवर
हैं झांक रहे नीरव नभ पर
अनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।
इन पंक्तियों का भाव यह है कि पर्वत पर उगे विशाल वृक्ष ऐसे लगते हैं मानो इनके हृदय में अनेकों महत्वकांक्षाएँ हैं और ये चिंतातुर आसमान को देख रहे हैं।
1. Question 1:उड़ने के बाद चुरुंगुन कहाँ-कहाँ गया होगा? उसने क्या-क्या देख होगा? अपने शब्दों में लिखो।
5. Question 3:पाठ में हिंदी महीनों के कुछ नाम आए हैं। आप सभी हिंदी महीनों के नाम क्रम से लिखिए।
6. Question 8:पाठ के आधार पर तुलसी के भाषा सौंदर्य पर दस पंक्तियाँ लिखिए।
7. Question 2:कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?
8. अगर कोई छात्र स्कूल पोशाक में नहीं आ रहा है तो आप ?
10. Question 10:बिस्मिल्ला खाँ कला के अनन्य उपासक थे, तर्क सहित उत्तर दीजिए।